किसी को नजरों में न बसाओ, क्योंकि नजरों में सिर्फ सपने बसते हैं, बसा�...
थोड़ा डूबूँगा, मगर मैं फिर तैर आऊँगा, ऐ ज़िंदगी, तू देख, मै फिर जीत जा�...
मेरा बस चले तो मैं आपको काजल लगा के देखूं, कही आपको मेरी नजर ना लग जा�...
हर रोज़ गिरकर भी मुकमल खड़े है, ए जिंदगी देख मेरे होंसले तुझसे भी बड़े ह...
तेरे बिना टूट कर बिखर जायेंगे, तुम मिल गए तो गुलशन की तरह खिल जायेंग�...
किसी को नजरों में न बसाओ, क्योंकि नजरों में सिर्फ सपने बसते हैं, बसा�...
हर रोज़ गिरकर भी मुकमल खड़े है, ए जिंदगी देख मेरे होंसले तुझसे भी बड़े ह...
थोड़ा डूबूँगा, मगर मैं फिर तैर आऊँगा, ऐ ज़िंदगी, तू देख, मै फिर जीत जा�...
तेरे बिना टूट कर बिखर जायेंगे, तुम मिल गए तो गुलशन की तरह खिल जायेंग�...
किसी को नजरों में न बसाओ, क्योंकि नजरों में सिर्फ सपने बसते हैं, बसा�...
हर रोज़ गिरकर भी मुकमल खड़े है, ए जिंदगी देख मेरे होंसले तुझसे भी बड़े ह...
उठो तो ऐसे उठो फक्र हो बुलंदी को भी, झुको तो ऐसे झुको बंदगी भी नाज़ क�...
थोड़ा डूबूँगा, मगर मैं फिर तैर आऊँगा, ऐ ज़िंदगी, तू देख, मै फिर जीत जा�...
मेरा बस चले तो मैं आपको काजल लगा के देखूं, कही आपको मेरी नजर ना लग जा�...
मेरा बस चले तो मैं आपको काजल लगा के देखूं, कही आपको मेरी नजर ना लग जा�...
किसी को नजरों में न बसाओ, क्योंकि नजरों में सिर्फ सपने बसते हैं, बसा�...
तुम्हारा इस कदर असर हुआ है मुझ पर आजकल बिना वजह मुस्कुराने लगता हूं...
उठो तो ऐसे उठो फक्र हो बुलंदी को भी, झुको तो ऐसे झुको बंदगी भी नाज़ क�...
तेरे बिना टूट कर बिखर जायेंगे, तुम मिल गए तो गुलशन की तरह खिल जायेंग�...
मेरा बस चले तो मैं आपको काजल लगा के देखूं, कही आपको मेरी नजर ना लग जा�...